मकसद सिर्फ़ तुम्हें पाना
मकसद पाना खोना गर जिंदगी है तो हंसना रोना भी जिंदगी है वादा तोडना वादा करना गर जिंदगी है तो वादा निभाना भी जिंदगी है अगर मकसद मंजिल है जिंदगी तो गुमनाम सफर भी है जिंदगी हकीकत है अगर जिंदगी! हर पल हर लम्हों से बेखबर है जिंदगी एक असूल एक फर्ज है जिंदगी तो एक कर्तब एक कर्ज है जिंदगी अगर स्वार्थ है ज़िन्दगी तो बड़ा ही खुदगर्ज है ज़िन्दगी अगर किसी के काम आए तो हम दर्द है ज़िन्दगी अगर किसी से नफरत बन जाए तो वो दर्द है ज़िन्दगी लोग सोचते है कि आसू है ज़िन्दगी हम मानते है मुश्किलें दरमियां है ज़िन्दगी बचपन बूढ़े और जवां है जिंदगी ना जाने कहां कहां से है जिंदगी ,...,......,........... ( ज़िन्दगी का पड़ाव कोइ मकसद कोई मंजिल नही, कोई मकसद बनाकर ज़िन्दगी जिया जाए तो ज़िन्दगी जिना भी एक मकसद बन जाए) ...