Posts

Showing posts from August, 2025

12am 😶‍🌫️

Image
 केशव ये जो किसी से बात करने की भावनात्मक लत होती है, यह शराब की घातक आदत के बराबर होती है। यह ऐसी लत है कि अगर आप इसे अचानक छोड़ दें, तो ‘बेचैनी, और दिमाग उस खालीपन को भरने के लिए आपको बेचैन कर देता है। आपकी पीड़ा और इंतज़ार मानो एक सुई की नोक पर आ टिकते हैं, जिसकी चुभन ऐसे महसूस होती है जैसे दिल की गहराई में सुई चुभोई जा रही हो। जितना दर्द और इंतज़ार बढ़ता है, उतनी ही दर्द की सीमा भी बढ़ती जाती है। जो कुछ हो रहा है, वह समझ से परे है और जो हो रहा है, उसके बारे में शुरुआत में ही सोचना चाहिए था। जब आपने खुद को मानसिक रूप से किसी से जोड़ लिया हो, और फिर वही इंसान मुंह मोड़ ले, तो यह पीड़ा अथाह हो जाती है जिसे सिर्फ उसी के द्वारा भरा जा सकता है।