लिखूंगा, आज लिखूंगा धर्म पर, अधर्म पर, राम पर, रावण पर, हार पर, जीत पर, शोषित पर, वंचित पर , दलित पर , बुद्ध पर, जैन पर, दर्शन पर, हिन्दू पर, मुस्लिम पर, गर्व पर , अहंकार पर, उम्मीद पर, निराशा पर, शत्रु पर, मित्र पर, गरीब पर, अमीर पर, कृष्ण पर, कंस पर, ज्ञान पर, अज्ञान पर, विज्ञान पर। आज लिखूंगा मैं दुनिया की हर विधा पर, हर बात पर, हर सोच पर। आज लिखूंगा मैं । लिखूगां उस शहर के उन उस इन्सान के बारे में जो खुद के बच्ची होते हुये भी दूसरी लड़कियों को गिद्ध की नजर से देखता है । लिखूंगा तरसती आँखों में बसती उस भूख के बारे में जिसे होटल का मालिक खाना फेंकते हुए भगा देता है। लिखूंगा उन आँखों के बारे जो किसी माँ को दूध पिलाता हुआ देखकर अश्लील हो जाती है। लिखूंगा आज उस कचरे के डिब्बे में नवजात भूर्ण को फेंकते हुए आदमी के बारे में जो अपने बच्चे की खरोच पर भाग चला जाता है। लिखूंगा आज उस आदमी की मनोस्तिथि पर जो हिरोशिमा पर बम गिराने के बाद आत्महत्या कर लेता है। लिखूंगा आज उस मजहबी कट्टर नेता पर जो अपने बच्चे के खातिर कभी चादर चढ़ाने मस्जिद जाता है तो कभी घर में महामृत्युंजय की पूजा करवाता है। लिखू...