सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो

किसीके वासते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो

यहाँ किसीको कोई रासता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो

यही है ज़िंदगी, कुछ ख़ाक चंद उम्मीदें
इन्ही खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
💔💔💔

Comments

Popular posts from this blog

एहसास 🤞

समस्या 🦂

ऊफ़ वो लड़की 💌