दो लोग करीब आकर भी क्यों अधूरे रह जाते है,क्योंकि वो दोनों अपने अहंकार में होते हैं,लेकिन एक रोज़ उनको ये एहसास होगा कि उनके अहम से बढ़कर भी कोई चीज़ हैं,जो मायने रखती हैं,वो हैं एहसास किसी को हमेशा के लिए खो देने का एहसास उस वक्त का जब चीज़ें क़ाबू में थी, एहसास उस सिलसिले का जब ये यक़ीन था,कि मुझे इस जहां में उतारा गया हैं,सिर्फ़ इस शख़्स के लिए लेकिन हम खो देना पसन्द करते हैं... केशव ❄️
एक ख़ूबसूरत सी सावली सी लड़की, बहुत खुल के मिलती है वो बेबाक सी लड़की। उसकी शोहबत में मुझे कुछ होश नही रहता, कुछ अना नही रहता कुछ नौमीद नही रहता। देखकर गाफिल अदा मेरी करती है इताब वो मासूम सी लड़की। वो किसी और से मोहब्बत करती है शायद, मेरे दिल को भी उसका इंतज़ार रहता है शायद। मेरी आँखें पढ़ लेती तो कुछ और बात होती, मेरे अल्फ़ाज़ समझ लेती तो कुछ और बात होती। राह में उसकी खड़ा हूँ मैं इख़्तिलात लिए हुए और जहां में मोहब्बत ढूंढती है वो नादान सी लड़की। मिले जो कभी उस जहां में तो उससे इज़हार करूँगा उस दिन मोहब्बत का राज़-ए-बयां करूँगा। जानकर मिरा हाल-ए-दिल कुछ हैरान तो होगी, कुछ मुस्कुराएगी, कुछ नाराज़ तो होगी। सारी हदों को तोड़ वो पास आएगी और मेरी हो जायेगी वो मासूम सी लड़की।
मैं न तो अपने अतीत से खुश हूं, न तो वर्तमान से और न तो भविष्य से। मेरा जीवन एक सीधी रेखा पर रुक चुका है। जब मैं स्वयं को शीशे में देखता हूँ तो मुझे अपने जीवन से बेहद पछतावा होता है। इसे मैं न तो अपने दोस्तों से कह सकता हूँ, न अपने परिवार को, क्योंकि ये मेरी अंतरात्मा की समस्या है, मेरी भीतरी गमों का समस्या है। मैं किसी को अपना दुःख समझा नहीं सकता। इसी वजह से एक-एक करके लोग मुझसे खफ़ा हो जा रहे हैं और साथ-साथ लोगों से रिश्ते खराब हो गए हैं। मुझे जीवन को शायद जीना नहीं आया। अब इस उम्र के पायदान पर सबकुछ त्याग देने की इच्छा हो रही। बहुत कुछ है परंतु कहने को कुछ नहीं। देखा जाए तो सब कुछ की समस्या एक ही है वह हूँ 'मैं'...!!!
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thanks god blas you