3 तीगरे 🪐
हम आपको हर मनुष्य जीवन के उन तीन दोस्तों के बारे में बताएंगे जो जिंदगी भर हमारा साथ देते हैं लेकिन दो मित्र ऐसे होते हैं जो एक तय समयनुसार हमारा साथ छोड़ देते हैं लेकिन एक मित्र ऐसा होता है जो हमारा साथ हर जन्म में देता है। वही ऐसा दोस्त होता है जो हमारी जिंदगी को अच्छा और बुरा भी बनाता है।
हम सभी एक ऐसी जिंदगी जी रहे हैं जिसका कोई मतलब ही नहीं है। अगर हर व्यक्ति कभी गहराई से अपने जीवन के बारे में सोचे तो उसे इस बात का एहसास जरूर होगा की, “ये जीवन कैसा है, सारी जिंदगी उन चीजों में बीता देना जिनका एक समय बाद कोई मोल ही नही रहता, ऐसी चीजों के पीछे भागना जो कहीं ना कहीं हमारे दुखों का ही कारण बनती है।”
जिंदगी मिली है तो उसे जीना भी जरूरी है लेकिन आज का मनुष्य लालच, लोभ, छल, ईर्ष्या, घृणा, घमंड इन सब चीजों से भर गया है। जिसकी वजह से उसका जीवन दुःख से भरा हुवा है। आज आप जिसे भी देखो वो किसी ना तकलीफ में है, ऐसे बहुत की कम लोग आपको मिलेंगे जो यह कह सकें की वो इस जीवन में बहुत सुखी हैं।
ये कहानी में एक व्यक्ति को माध्यम बना कर बता रहा हूं लेकिन जिन तीन मित्रों की बात हो रही है वो हम सभी के लिए समान है।
एक व्यक्ति था जिसके तीन मित्र थे। वो तीनो मित्र हमेशा उसके आस पास ही रहते थे। उस व्यक्ति को जिंदगी के हर मोड़ पर उन तीनो की किसी ना किसी तरह से जरूरत पड़ती रही। उस व्यक्ति का जब अंतिम समय आया तो:
उसके पहले मित्र ने उससे कहा, ” मैं तुम्हारी मृत्यु को टाल नहीं सकता। मैंने हर स्तिथि में तुम्हारा साथ निभाया। मैं सिर्फ तुम्हें इस बात का भरोसा दे सकता हूं की तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हारा अंतिम संस्कार ठीक से होगा।”
दूसरा मित्र ने कहा, “तुम्हारे बचपन से लेकर आज तक मैंने किसी ना किसी तरह से तुम्हारा साथ निभाया है। मेरे होने से तुम दुनिया की कुछ भी चीज पा सकते हो लेकिन मैं तुम्हें फिर से जीवन नही दे सकता। मैं अब बेबस हूं और तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता।”
तीसरे मित्र ने कहा, “मित्र, तुम अपनी इस स्तिथि से चिंतित मत रहो। मैं हमेशा से तुम्हारे साथ हूँ और मृत्यु के बाद भी तुम्हारे साथ ही रहूंगा। तुम इसके बाद जिस भी रूप में, जहां भी जाओगे, मैं तुम्हारे साथ ही रहूँगा।”
दोस्तों उस व्यक्ति के और हम सभी के वो तीनों मित्र हैं, “परिवार, पैसा और कर्म।
Comments
Post a Comment
thanks god blas you