Mara sawal

क्या मेरे सवालो का जवाब है तेरे पास ?
जो मैं अक्सर पुछा करता, और तू मुकर जाया करती थी |

क्या तेरे गुनाहों का हिसाब है तेरे पास ?
जब मुझसे बहाना बनाकर, किधर जाया करती थी |

वो तेरे चेहरो का नकाब है मेरे पास ?
जो मुझपर सख्ती बरखकर, वहा पिघल जाया करती थी |

हा तेरे इशारो का जवाब है मेरे पास ?
जो मुझपर उम्मीदों की बारीश कर, वहा सुलग जाया करती थी

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