dard . 3.0
मैंने अपनी आधी उम्र अकेले एवम बेरोजगारी में व्यतीत करदी। पढ़ाई लिखाई के नाम पर खिलवाड़ किया। अब जीवन में अतीत के अफ़सोस बहुत हैं। ना जेब में पैसा है, ना कोई मित्र है ना कोई प्रेमिका ही। अकेले ही घुटता रहता हूं कमरे में। किसे सुनाएं अपना दर्द कौन सुनेगा कोई है भी हमारा ..........
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thanks god blas you