wakt. 9:⁰⁰
जैसे जैसे वक्त गुजरता जा रहा है वैसे वैसे मेरे बैग में से बहुत सी चीज़े कम होती जा रही है जो कभी तुम्हारे होने का अहसास दिलाती थी मुझे।पहले जैसे तुम्हारे खत, तस्वीर और कुछ फूल साथ में होते थे और आजकल वस्तिकवता में बस दवाइयाँ और जिम्मेदारियाँ ही होती है 5और आज में सत्य से भाग नहीं सकता मुझे ये स्वीकार करना ही होगा की मैं आज अकेला खड़ा हूँ। खैर शायद ज़िंदगी में वो ही कुछ पल सुकून के थे जब तुम साथ थी .....✍️
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thanks god blas you