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समस्या 🦂

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 मैं न तो अपने अतीत से खुश हूं, न तो वर्तमान से और न तो भविष्य से। मेरा जीवन एक सीधी रेखा पर रुक चुका है। जब मैं स्वयं को शीशे में देखता हूँ तो मुझे अपने जीवन से बेहद पछतावा होता है। इसे मैं न तो अपने दोस्तों से कह सकता हूँ, न अपने परिवार को, क्योंकि ये मेरी अंतरात्मा की समस्या है, मेरी भीतरी गमों का समस्या है। मैं किसी को अपना दुःख समझा नहीं सकता। इसी वजह से एक-एक करके लोग मुझसे खफ़ा हो जा रहे हैं और साथ-साथ लोगों से रिश्ते खराब हो गए हैं। मुझे जीवन को शायद जीना नहीं आया। अब इस उम्र के पायदान पर सबकुछ त्याग देने की इच्छा हो रही। बहुत कुछ है परंतु कहने को कुछ नहीं।  देखा जाए तो सब कुछ की समस्या एक ही है वह हूँ 'मैं'...!!!

बात समझ की है

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 मैं समझता हूं कि लोग मुझे समझते हैं,पर क्या करूँ कुछ समझ नही आता क्या सच है और क्या काल्पनिक,जीवन मे ठहराव है पर मन बेचैन है,जीवन मे सुख है लेकिन इसका एहसास नही है,जीवन मे हर चीज़ सही जा रही,केवल मैं ही ठहरा हूँ, स्वयं के बोझ तले,और गिरता जा रहा हूँ एक गहरी गर्त में....अब वक्त ही मेरा कुछ कर सकता है,

अंत करीब है

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 सच कहता हूँ बिल्कुल दिल से, कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा। जीवन में नकारात्मक इतना रहा हूँ कि अब सब कुछ नकारात्मक हो चुका है। यहाँ तक कि खाना खाने तक का होश नहीं। पढ़ाई तक नहीं कर पा रहा। सब कुछ आहिस्ते-आहिस्ते छूट रहा है। मैं खुद से ही खुद को अपने ही मरे हुए विचारों से मार रहा हूँ। मुझे नहीं पता मैं कहाँ जा रहा हूँ पर एक अजीब सी परिमित है मन मे जहाँ पर सालों से हूं और इस चक्र से नहीं निकल रहा। आखिरी बार मै कब खुद से मिला, कब खुद से बात की याद नहीं। अभी भी लगता है सब कुछ अजीब सा। मन भगाये जा रहा और मैं भाग रहा हूँ। मन भगा कर अलग अलग जगह पर ले जाता है, एक अलग दायरों में ले जाता है जो किसी काम का नहीं। एक जाल में ही सिमट चुका हूं। बेसहारा सा लगता है। मैं मिट रहा हूँ। एक दिन मिट जाऊँगा। 

मैं 🗿

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 एक वक्त होता है जब हम चाहते हैं दोस्त बनाना, लोगों के साथ जुड़ना, मिलना–जुलना, हंसना–खेलना। और फिर एक वक्त आता है जब हमें इन सारी चीजों से कुढ़न होने लगती है, अकेलापन सुकून देने लगता है। जिन्दगी के दौड़ में हम कब बदल जाते हैं हमें पता ही नहीं चलता। और फिर अतीत के पन्ने पलट के जब कभी खुद को देखते हैं तो अचंभित होते हुए खुद से ही सवाल करते हैं कि " क्या ये मैं ही हूं"..!!!! 😒 #bitturaja420

अंत

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 कोई नहीं बचाने आएगा, कोई चमत्कार नहीं होगा, कोई मदद नहीं आने वाला। परिवार, समुदाय, समाज सब हाथ खड़े कर देंगे, ईश्वर परीक्षा लेते-लेते मृत्यु दे देंगे।अंत मे बचोगे तुम और तुम्हारा साहस, जीने की चाह और सबसे जरूरी तुम्हारा 'धन'! सशक्त बनो,सोचो इस दुनिया मे तुम अकेले हो, खुद से लड़ो।

3 तीगरे 🪐

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हम आपको हर मनुष्य जीवन के उन तीन दोस्तों के बारे में बताएंगे जो जिंदगी भर हमारा साथ देते हैं लेकिन दो मित्र ऐसे होते हैं जो एक तय समयनुसार हमारा साथ छोड़ देते हैं लेकिन एक मित्र ऐसा होता है जो हमारा साथ हर जन्म में देता है। वही ऐसा दोस्त होता है जो हमारी जिंदगी को अच्छा और बुरा भी बनाता है। हम सभी एक ऐसी जिंदगी जी रहे हैं जिसका कोई मतलब ही नहीं है। अगर हर व्यक्ति कभी गहराई से अपने जीवन के बारे में सोचे तो उसे इस बात का एहसास जरूर होगा की, “ये जीवन कैसा है, सारी जिंदगी उन चीजों में बीता देना जिनका एक समय बाद कोई मोल ही नही रहता, ऐसी चीजों के पीछे भागना जो कहीं ना कहीं हमारे दुखों का ही कारण बनती है।” जिंदगी मिली है तो उसे जीना भी जरूरी है लेकिन आज का मनुष्य लालच, लोभ, छल, ईर्ष्या, घृणा, घमंड इन सब चीजों से भर गया है। जिसकी वजह से उसका जीवन दुःख से भरा हुवा है। आज आप जिसे भी देखो वो किसी ना तकलीफ में है, ऐसे बहुत की कम लोग आपको मिलेंगे जो यह कह सकें की वो इस जीवन में बहुत सुखी हैं। ये कहानी में एक व्यक्ति को माध्यम बना कर बता रहा हूं लेकिन जिन तीन मित्रों की बात हो रही है वो हम सभी क...

संघर्षरत➗

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तुम्हें क्या लगता है? आसान होता है, इतनी सारी असफलताओं के बाद मुस्कुराना.. हाॅं मानतें हैं, कमी रह गई होगी.. पर जब कई रातों की अधूरी नींद सवाल करने लगे तब उसका क्या, जब आपके कई दोस्त बिछड़ गए हो उसका क्या? जब भविष्य की चिंता से आपका सूरत-ए-हाल बदल गया हो उसका क्या? लड़कों को चिंता बिना नौकरी के रह नहीं सकते वर्ना समाज क्या कहेगा ? लड़कियों को फिक्र खुद को साबित नहीं कर पाये तो, इस बात का मलाल ताउम्र रहेगा । ये कहना बहुत आसान है कि मेहनत नहीं कर रहा होगा, कभी मेहनत से एक साल गुजार कर तो देखो, कभी असफलता का थप्पड़ खा कर तो देखो, फिर ये कहते हुए जँचोगे तुम कि, मेहनत नहीं कर रहा होगा। ऐसा भी होता है कि शीशे के सामनें भी, खड़ा नहीं रहा जाता, वो शीशा चिढ़ाता है और कहता है , ओ असफल इंसान कैसे हो? दिमाग लथपथ सा पड़ा है, दिल जख्मी बड़ा है, वक्त के थपेड़ो ने शरीर को भी छलनीं किया है । पर इतना टूटनें के बाद भी उम्मीद की एक किरण जिंदा है, हार न माननें वालों के आगे तो मुश्किलें भी शर्मिंदा हैं। कुछ परिणाम हमें  असफल नहीं ठहरा सकते, न - काबिलियत का ठप्पा हम पर नहीं लगा सकते, गौर कर त...

वक्त ⏳

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कोई आप को सुन लेता है इसमे आप की अच्छाई से कहीं ज्यादा उसकी नेकी है आप की कही हर एक बात उसके मन तक पहुँचती है और कभी कभी बिना कहे भी और वह भी बिना किसी संबंध के बिना स्वार्थ के जानते हो यह क्या है.. एक कला और किसी को समझना उस कला की खूबसूरती..  अगर कोई तुम्हारे पास ऐसा इंसान है उसका ख्याल रखो कभी मत खोना क्योंकि वे लोग जो सही मायने में जीना सिखाते हैं हमें समझते हैं उनकी उम्र कम होती है 🙃

हर बात भूल जाता हूं

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कई बार लगा मैंने तुम्हे भुला दिया है लेकिन नहीं.. यह मुझ से हो ही नहीं पाता है... मैं तुम्हे भुला ही नहीं पाता और तुम हो कि.. किसी न किसी वजह से याद आती रही हो हमेशा.. कभी नाम तो कभी तुम से जुड़ी चीजों की वजह से मैं तुम्हे इस तरह से ठुस कर बैठ गया हूँ कि तुम्हे खुद से निकाल ही नहीं पाता.. यह बिल्कुल ऐसा है जैसे कोई चीज मैंने पकड़ कर रखी हुई है और छोड़ने पर तक़लीफ़ मुझे होती है बहुत तक़लीफ़ जब भी कुछ लिखने की कोशिश करता हूँ मेरे शब्द तुम्हारी याद का एक टुकड़ा पकड़ कर बैठ जाते हैं... सुन रही हो न तुम.. मेरा मन तुम्हारी और भागने लगता है मेरी धड़कने शोर करने लगती हैं बहुत शोर !!  🙃 

भरोसा 🥲

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मुद्दतों बाद हुआ था मुझे भरोसा किसी पर, फिर ये साबित हुआ के कोई भरोसे के काबिल नहीं ! पहले जो अपने थे अब उनके लफ्ज बता रहे कि वो अब अपने नही रहे। दुनीयाँ का वसूल है जिसके लिए आप सब कुछ हारने के लिए तैयार रहोगे वो एक दिन आपको ये महसूस करा देंगा की तुम कितने बड़े बेवकूफ थे। सब कुछ सब के हिस्से में नही देना चाहिए। कभी खुद के लिए नही जिया हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहे। जब अपनी बारी आई तो कोई मदद नही कर रहा। किस्मत भी ऐसी लेकर आये है जहाँ से कोई source दिखता है वहा से भी वो दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो जाते है। ऐसा ही रहा तो किसी रोज़ ये हँसता हुआ लड़का बन्द कमरे में गुम हो जाएगा।सच बता रहा मेरी जगह पर कोई और होता तो वो अब तक गुज़र गया होता। Life में इतनी परेशानी है कि किस किस को सही करे इस असमंजस में हर एक पहर यूँही खाली गुज़र रहा। दुसरो के लिए हौसला बनना बहुत ही आसान है पर अपने लिए हौसला ढूँढना बहुत ही मुश्किल। जब इंसान पैसो से लाचार हो जाता है तो उसकी कोई इज़्ज़त नही रहती कोई ढंग से बात तक नही करता। सब बेइज़त कर के जाते है और क्यों ना करे पैसा चीज़ ही ऐसी है। सुना था पैसा हो तो इज़्...

उम्र 24 का

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24  साल उम्र समाप्त होने के बाद समझ आया है कि जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी पैसा है। ना दोस्त, ना परिवार, ना घर, ना द्वार, कोई भी ज्यादा जरूरी नहीं है पैसे के सामने। पहले मैं सोचता था कि पहाड़ तोड़ दूंगा, आसमान चीर दूंगा, यह कर दूंगा वह कर दूंगा लेकिन जैसे-जैसे उम्र बीताता गया  सब कुछ कठिन सा लगने लगा। जिंदगी बड़ा ही अजीब अजीब इम्तिहान लेती है। फिर एक वक्त के बाद समझ में आया कि जीवन में कुछ करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता है और वही मेहनत मैंने अपनी जिंदगी में कभी कि नहीं। और उसी का नतीजा आज भुगत रहा हूं कि आज हमारे पास न कोई ढंग का काम है ना हमारे पास ढंग के पैसे हैं। इस उम्र में पढ़ने का भी दिल करता है तो पढ़ नहीं पाता। जीवन के इस मोड़ पर खड़ा हूं कि समझ में नहीं आ रहा है कि इस गली में जाऊं या उस गली में जाऊं,अब तो बस श्रीराम का ही भरोसा है ख़ैर देखते हैं आगे कहां तक जा पाते हैं या जी पाते हैं,🙃 यश केशव 🍃

tu na hoti to .

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कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जिनकी आवाज नहीं होती, कुछ सुख ऐसे भी होते है जिनकी खुशी नहीं होती। खुशी देती है मंजिलें पर रास्ते दर्द भरे होते है। इसलिए किसी की ख्वाहिशें पूरी नहीं होती। कुछ छू लेते है आसमान पंछी बनकर और किसी के हौसलो में उड़ान नहीं होती। चाँद के पास चाँदनी तो है लेकिन रोशनी ज्यादा चमकदार नहीं होती। फूलो के पास खूबसूरती तो है लेकिन ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं होती। इंतजार करती है कामयाबी पर उस तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं होती। इसलिए कामयाबी हर किसी के पास नहीं होती। कुछ पहुंच जाते है क़ामयाबी तक भंवरा बनकर और किसी की कामयाबी किस्मत को स्वीकार नहीं होती। उड़ने की ताकत पतंगों के पास भी होती है, लेकिन काबलियत उसका सबसे बड़ा हथियार होती है। किस्मत भी देती है साथ हमारा, पर सबको अपने हुनर की पहचान नहीं होती। कुछ तोड़ देते है किस्मत की जंजीरें हथौड़ा बनकर, और किसी के पास किस्मत से लड़ने की ताकत नहीं होती। कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जिनकी आवाज नहीं होती, कुछ सुख ऐसे भी होते है जिनकी खुशी नहीं होती।

वो राते वो बाते 🚬

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आज फिर बैठा था उन्ही पुरानी यादों के साथ... वही शाम, वही इयरफोन में हमारे favorite गाने... वही रूम... ना-ना रूम  वो नहीं... अब ये गली मोहल्ले का प्यार नसीब कहाँ, मैंने शहर जो बदल दिया... वो शहर जहाँ मैं अपने आप को ही छोड़ आया... अब जब भी वहाँ जाता हूँ तो वहाँ के सड़को पे ख़ुद को बिखरा हुआ पाता हूँ... मानो वो मुझसे कहती हो कि अब तो ले चलो अब कुछ नहीं है यहाँ...   मगर जो छूट जाए वो दोबारा हासिल कहाँ होता है... मैंने भी छोड़ दिया ख़ुद को वहीं... लोग सच कहते हैं कि वक्त बीत जाए तो लौट के नहीं आता... मगर हम दोनो ने कभी ये बात मानी ही कहाँ..? वैसे ये गलत भी नहीं था... किसे पता था कि ये बितने वाला वक्त इतनी जल्दी बीत जाएगा... आज फिर से बैठा हूँ उन्हीं यादों के साथ कुछ हँसा रहीं है तो कुछ बहुत रूला भी रहीं है... हाँ बेशक तुमने कोई कसर नहीं छोड़ी थी मुझे रूलाने में, मगर तुम्हारी दी हुई हँसी भी ऐसी थी कि दुबारा मिली ही नहीं... खुश रहता हूँ... हँसता भी हूँ... मगर वो हँसी जो तुम्हारे साथ कि थी वो तो ना जाने कहाँ चली गई... हाँ लोग अभी भी कायल हैं मेरी मुस्कान के, मगर वो हँसी अल...

wakt. 9:⁰⁰

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जैसे जैसे वक्त गुजरता जा रहा है वैसे वैसे मेरे बैग में से बहुत सी चीज़े कम होती जा रही है जो कभी तुम्हारे होने का अहसास दिलाती थी मुझे।पहले जैसे तुम्हारे खत, तस्वीर और कुछ फूल साथ में होते थे और आजकल वस्तिकवता में बस दवाइयाँ और जिम्मेदारियाँ ही होती है  5और आज में सत्य से भाग नहीं सकता मुझे ये स्वीकार करना ही होगा की मैं आज अकेला खड़ा हूँ। खैर शायद ज़िंदगी में वो ही कुछ पल सुकून के थे जब तुम साथ थी .....✍️

dard . 3.0

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मैंने अपनी आधी उम्र अकेले एवम बेरोजगारी में व्यतीत करदी। पढ़ाई लिखाई के नाम पर खिलवाड़ किया।  अब जीवन में अतीत के अफ़सोस बहुत हैं। ना जेब में पैसा है, ना कोई मित्र है ना कोई प्रेमिका ही। अकेले ही घुटता रहता हूं कमरे में। किसे सुनाएं अपना दर्द कौन सुनेगा कोई है भी हमारा ..........

Vah guftgu 🫀

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 सुनो! सुन रही हो न! इक अरसे बाद आज फिर से सफर में हूं....तुम जानती हो जब सफर में होता हूं, तो तुम पूरे वक्त याद आती रहती हो... गाड़ी तेजी से भागती है, लेकिन मेरी जिंदगी जैसे कुछ वक्त के लिए थम सी जाती है.... तुम्हें याद है  लड़की? कुछ साल पहले ऐसे ही एक सफर में था, फोन के रिंगटोन बजी, (हमनवा मेरे तू है तो मेरी सांसें चलें) अननॉन नंबर था, तो मैंने कहा, हेलो कौन?? "अरे! मैं हूं! कितने प्यार और अपनेपन से कहा था तुमने... ओह! तुम! पहली बार फोन पर आवाज सुनी तुम्हारी, इसलिए पहचान नहीं पाया.. फिर उस शाम कितनी ही देर हम दोनों...बातें करते रहे थे.. यूं कहो, कि तुम बिना रुके, बिना थके कितना कुछ कहे जा रही थी.... मैं बस  chath se   ऊपर आसमान में चांद को चलते देख रहा था... ..............फिर जब पूरे आधे घंटे बाद जब तुमने पूछा?? "तुम कुछ सुनाओ, चुप क्यों हो, गुमसुम से?"" मैं बस हौले से हंस दिया था, और इतना ही कहा था... "तुम बोलने दो तब न😀" "ओह! इतनी देर से मैं बोलती ही जा रही हूं, मुझे याद ही नहीं रहा, कि तुमसे कुछ पूछूं" शरमाते हुए तुमने कहा। तुमने टोका क्यू...

अधूरे खुआब्ब 🫀

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तुम्हें ऐसे टूटकर चाहना या यूँ दीवानों की तरह तुमसे प्रेम करना कभी नहीं चाहिए था मुझे, मैं बस चाहता था कि बातें हों, कुछेक मुलाकातें हों, या ऐसे ही किसी रेस्टोरेंट में बैठकर खाना न सही, हम चाय पीकर ही लौट जाएं..रात के सन्नाटे में, तुम्हारे मोहल्ले की तीसरी गली से बाहर निकलकर खाली सड़कों पर मैं तुम्हारा हाथ थामे बस चलता रहूं..तुम्हारी हील वाली सैंडिल की टक-टक की आवाज के ठीक बाद हल्की सी आने वाली तुम्हारी पायल की आवाज को रात भर सुनता रहूं.. मैंने जाने ऐसे कितने ख़्वाब सजाए थे, जो कभी पूरे नहीं हुए थे, वो अधूरे पड़े रहे कई बरस, पूरे होने के ठीक एक पल पहले से..उस एक पल को मैं भूलना चाहता था तुम्हारे साथ रहकर..मैं ख़ुदको लोगों के बीच, खुश दिखाने की चाहत में, तुम्हारे साथ नाइंसाफी करने का फ़ैसला ले चुका था, या इसी मकसद से मैंने तुमसे बातें करी..हमेशा तुमसे अपना गुज़रा हुआ कल बांटने से कतराता रहा.. पर तुम्हारे साथ कब मेरा वो कल तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के घने साये में कैद होकर रह गया, कब मेरा दुःख सुकून में बदल गया, कब मेरी ज़िंदगी का मकसद खुद को ख़ुश दिखाने से, तुम्हे ख़ुश रखने की चाहत में बदल गया, कब लोगों ...

आधूरी बाते 💫

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आधी उम्र जी लेने के बाद एहसास होता है कि आज तक जो भी हमने किया है, कमाया है सब कुछ बहुत कम पड़ रहा है..ऐसा कुछ भी नहीं जो पर्याप्त है हमारे पास, और एक समय है जो भागा जा रहा है बहुत तेज गति से..इस उम्र में आने के बाद लगने लगता है कि हमने कितना कुछ पीछे छोड़ दिया है जो कि सबसे जरूरी था हमारे लिए, उसे संजो कर रखना आखिर कितना जरूरी था ये बड़ी लगने वाली छोटी सी जिंदगी का गुजर बसर करने के लिए..!! बचपन छूट गया फिर स्कूल छूट गया जैसे तैसे लगा की अब कॉलेज में मजे करेंगे तो वो समय और जल्दी बीता बाकी वक्त के मुकाबले में, हमने अपने लड़कपन में अपना पहला प्यार खो दिया, पहला प्यार छूट जाना पूरी जिंदगी अखरता है..फिर ये समय अचानक एक बोझ साथ ले आता है..जिम्मेदारियों का..!! मिडिल क्लास लौंडे का जीवन 22–24 की उम्र में ही उसे वहां लाकर खड़ा कर देता हैं जहां हमें कम से कम 30 की उम्र में होना चाहिए था.. खैर इस सब के बीच एक सबसे बड़ी बात और सबसे बोझिल होता है अपने बाप को अपनी आंखो के सामने बूढ़े होते देखना..बाप के वो मजबूत कंधे जो पूरे परिवार को अकेले सम्हाल लिया करते थे अब उनकी बाजुओं में वो ताकत भी न होना क...

dec 13 .lafz

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जितनी भी लड़कियां ये पढ़ रही हैं न उनके लिए ये मैसेज हैं..यार देखिए जब जिंदगी में किसी रिश्ते में पहला थप्पड़,पहली गाली,पहली बार जलील किया जाए या सम्मान को ठेस पहुंचाया जाए तो उस दिन ये फैसला ले लो...ये मत सोचो कि तुम कैसे पलट कर जाओगी...क्योंकि श्रद्धा ने ये सोच लिया होता तो आज ये जिंदा होती...35 टुकड़ों में कटकर उसके बॉडीपार्ट्स जंगल में नही होते...कहीं देखा था उनके पिता जी के द्वारा थाने में शिकायत की गई थी कि..वो पच्चीस वर्ष की थी तब उन्हें पता चला कि वो आफताब के साथ रिलेशनशिप में और उसके साथ लिव-इन में जाना चाहती हैं...पिता ने उस शिकायत पत्र में भी लिखा था कि मैने मना किया दूसरे धर्म का लड़का था...तो श्रद्धा ने कहा था कि सुनिए...आपको मानना हैं तो मानिए...नही मानना हैं तो मत मानिए मैं पच्चीस की हो चुकी हूं..मुझे फैसला लेने का अधिकार हैं..वो दिल्ली चली गयी...बाद में आफताब उसे मारने पीटने लगा था...उसके पिता बताते हैं कि इस लड़कीं ने अपने माँ को बताया था..लेकिन वो हिम्मत नही कर पाई वापस जाने की..उसे लगता था कि शायद वो पलटकर किस मुंह से जाएगी...आफताब शायद उसे लाइफ में स्लीव बना कर रखता था......

🕯️yaade

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जो मिलते  थे किसी न किसी बहाने से उन्हें धीरे धीरे दूर होते देखा है मैंने अपनों को अपनों को हाथ छोड़ते हुए देखा है जो कहते थे हसी अछि लगती है मेरे चेहरे पर उन्हें जिंदगी भर की उदासी देते हुए  देखा है मैंने ख़ुशी को मेरे साथ छोड़ते हुए देखा है जो कहते कभी नहीं छोड़ेंगे साथ कुछ ही समय में जुड़ा  होते देखा है मैंने दूरियों  को हमारे बीच बढ़ते हुए देखा है मे कर  लेता था उनकी हर बात पर ऐतबार आज हर वादें और भरोसे को टूट ते देखा है आज मैंने  खुद को ही खुद पर शक करते हुए देखा है जो कहते थे नहीं पसंद मुझे तेरा किसी और से मिलना उन्हें आज मैंने किसी और क साथ खुश देखा है मैंने जिंदगी को मुझे सबक सिखाते हुए देखा है लोग कहते है यहाँ कोई नहीं किसीका इस बात को मैंने सच होते हुए देखा है मैंने जिंदगी को बड़े करीब से देखा है