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Showing posts from 2022

Vah guftgu 🫀

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 सुनो! सुन रही हो न! इक अरसे बाद आज फिर से सफर में हूं....तुम जानती हो जब सफर में होता हूं, तो तुम पूरे वक्त याद आती रहती हो... गाड़ी तेजी से भागती है, लेकिन मेरी जिंदगी जैसे कुछ वक्त के लिए थम सी जाती है.... तुम्हें याद है  लड़की? कुछ साल पहले ऐसे ही एक सफर में था, फोन के रिंगटोन बजी, (हमनवा मेरे तू है तो मेरी सांसें चलें) अननॉन नंबर था, तो मैंने कहा, हेलो कौन?? "अरे! मैं हूं! कितने प्यार और अपनेपन से कहा था तुमने... ओह! तुम! पहली बार फोन पर आवाज सुनी तुम्हारी, इसलिए पहचान नहीं पाया.. फिर उस शाम कितनी ही देर हम दोनों...बातें करते रहे थे.. यूं कहो, कि तुम बिना रुके, बिना थके कितना कुछ कहे जा रही थी.... मैं बस  chath se   ऊपर आसमान में चांद को चलते देख रहा था... ..............फिर जब पूरे आधे घंटे बाद जब तुमने पूछा?? "तुम कुछ सुनाओ, चुप क्यों हो, गुमसुम से?"" मैं बस हौले से हंस दिया था, और इतना ही कहा था... "तुम बोलने दो तब न😀" "ओह! इतनी देर से मैं बोलती ही जा रही हूं, मुझे याद ही नहीं रहा, कि तुमसे कुछ पूछूं" शरमाते हुए तुमने कहा। तुमने टोका क्यू...

अधूरे खुआब्ब 🫀

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तुम्हें ऐसे टूटकर चाहना या यूँ दीवानों की तरह तुमसे प्रेम करना कभी नहीं चाहिए था मुझे, मैं बस चाहता था कि बातें हों, कुछेक मुलाकातें हों, या ऐसे ही किसी रेस्टोरेंट में बैठकर खाना न सही, हम चाय पीकर ही लौट जाएं..रात के सन्नाटे में, तुम्हारे मोहल्ले की तीसरी गली से बाहर निकलकर खाली सड़कों पर मैं तुम्हारा हाथ थामे बस चलता रहूं..तुम्हारी हील वाली सैंडिल की टक-टक की आवाज के ठीक बाद हल्की सी आने वाली तुम्हारी पायल की आवाज को रात भर सुनता रहूं.. मैंने जाने ऐसे कितने ख़्वाब सजाए थे, जो कभी पूरे नहीं हुए थे, वो अधूरे पड़े रहे कई बरस, पूरे होने के ठीक एक पल पहले से..उस एक पल को मैं भूलना चाहता था तुम्हारे साथ रहकर..मैं ख़ुदको लोगों के बीच, खुश दिखाने की चाहत में, तुम्हारे साथ नाइंसाफी करने का फ़ैसला ले चुका था, या इसी मकसद से मैंने तुमसे बातें करी..हमेशा तुमसे अपना गुज़रा हुआ कल बांटने से कतराता रहा.. पर तुम्हारे साथ कब मेरा वो कल तुम्हारी ज़ुल्फ़ों के घने साये में कैद होकर रह गया, कब मेरा दुःख सुकून में बदल गया, कब मेरी ज़िंदगी का मकसद खुद को ख़ुश दिखाने से, तुम्हे ख़ुश रखने की चाहत में बदल गया, कब लोगों ...

आधूरी बाते 💫

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आधी उम्र जी लेने के बाद एहसास होता है कि आज तक जो भी हमने किया है, कमाया है सब कुछ बहुत कम पड़ रहा है..ऐसा कुछ भी नहीं जो पर्याप्त है हमारे पास, और एक समय है जो भागा जा रहा है बहुत तेज गति से..इस उम्र में आने के बाद लगने लगता है कि हमने कितना कुछ पीछे छोड़ दिया है जो कि सबसे जरूरी था हमारे लिए, उसे संजो कर रखना आखिर कितना जरूरी था ये बड़ी लगने वाली छोटी सी जिंदगी का गुजर बसर करने के लिए..!! बचपन छूट गया फिर स्कूल छूट गया जैसे तैसे लगा की अब कॉलेज में मजे करेंगे तो वो समय और जल्दी बीता बाकी वक्त के मुकाबले में, हमने अपने लड़कपन में अपना पहला प्यार खो दिया, पहला प्यार छूट जाना पूरी जिंदगी अखरता है..फिर ये समय अचानक एक बोझ साथ ले आता है..जिम्मेदारियों का..!! मिडिल क्लास लौंडे का जीवन 22–24 की उम्र में ही उसे वहां लाकर खड़ा कर देता हैं जहां हमें कम से कम 30 की उम्र में होना चाहिए था.. खैर इस सब के बीच एक सबसे बड़ी बात और सबसे बोझिल होता है अपने बाप को अपनी आंखो के सामने बूढ़े होते देखना..बाप के वो मजबूत कंधे जो पूरे परिवार को अकेले सम्हाल लिया करते थे अब उनकी बाजुओं में वो ताकत भी न होना क...

dec 13 .lafz

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जितनी भी लड़कियां ये पढ़ रही हैं न उनके लिए ये मैसेज हैं..यार देखिए जब जिंदगी में किसी रिश्ते में पहला थप्पड़,पहली गाली,पहली बार जलील किया जाए या सम्मान को ठेस पहुंचाया जाए तो उस दिन ये फैसला ले लो...ये मत सोचो कि तुम कैसे पलट कर जाओगी...क्योंकि श्रद्धा ने ये सोच लिया होता तो आज ये जिंदा होती...35 टुकड़ों में कटकर उसके बॉडीपार्ट्स जंगल में नही होते...कहीं देखा था उनके पिता जी के द्वारा थाने में शिकायत की गई थी कि..वो पच्चीस वर्ष की थी तब उन्हें पता चला कि वो आफताब के साथ रिलेशनशिप में और उसके साथ लिव-इन में जाना चाहती हैं...पिता ने उस शिकायत पत्र में भी लिखा था कि मैने मना किया दूसरे धर्म का लड़का था...तो श्रद्धा ने कहा था कि सुनिए...आपको मानना हैं तो मानिए...नही मानना हैं तो मत मानिए मैं पच्चीस की हो चुकी हूं..मुझे फैसला लेने का अधिकार हैं..वो दिल्ली चली गयी...बाद में आफताब उसे मारने पीटने लगा था...उसके पिता बताते हैं कि इस लड़कीं ने अपने माँ को बताया था..लेकिन वो हिम्मत नही कर पाई वापस जाने की..उसे लगता था कि शायद वो पलटकर किस मुंह से जाएगी...आफताब शायद उसे लाइफ में स्लीव बना कर रखता था......

🕯️yaade

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जो मिलते  थे किसी न किसी बहाने से उन्हें धीरे धीरे दूर होते देखा है मैंने अपनों को अपनों को हाथ छोड़ते हुए देखा है जो कहते थे हसी अछि लगती है मेरे चेहरे पर उन्हें जिंदगी भर की उदासी देते हुए  देखा है मैंने ख़ुशी को मेरे साथ छोड़ते हुए देखा है जो कहते कभी नहीं छोड़ेंगे साथ कुछ ही समय में जुड़ा  होते देखा है मैंने दूरियों  को हमारे बीच बढ़ते हुए देखा है मे कर  लेता था उनकी हर बात पर ऐतबार आज हर वादें और भरोसे को टूट ते देखा है आज मैंने  खुद को ही खुद पर शक करते हुए देखा है जो कहते थे नहीं पसंद मुझे तेरा किसी और से मिलना उन्हें आज मैंने किसी और क साथ खुश देखा है मैंने जिंदगी को मुझे सबक सिखाते हुए देखा है लोग कहते है यहाँ कोई नहीं किसीका इस बात को मैंने सच होते हुए देखा है मैंने जिंदगी को बड़े करीब से देखा है

khatam tata

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वर्ष 2022 की शुरुआत में सोचा था कि इस वर्ष खुद को बदलने का हर सफल प्रयास करूंगा।वर्ष भी समाप्ति की ओर सतत चलता जा रहा है लेकिन हमेशा की तरह मैं अपने अंदर कोई परिवर्तन नही ला पाया।पता नही,शायद...खुद को बदलने का कोशिश नही किया मैंने या फिर तकनीक ही गलत थी मेरी।

दर्द मेरे दिल में

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 देखा जाए तो हम एक साथ दो दुनिया मे जीते है एक जिसमे हम रहते है दूसरी जो हम में रहती है आसान शब्दो मे दुनिया एक है लेकिन सबकी अलग अलग जिस में हम रहते है वो सबकी एक है जो हम में रहती है वो सबकी अलग। नमस्ते लन्दन फ़िल्म में एक गाना है- कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है... उस का भावार्थ भी कुछ ऐसा ही है। दुनिया मे हर इंसान किसी न किसी खास काम के लिए पैदा होता है कुछ जो कम उम्र में पता लगा लेते है वो तेंदुलकर, धोनी, लता, कलाम जैसी हस्तियां बन जाती है कुछ तमाम उम्र भटकती है। जब धोनी खड़गपुर स्टेशन में टीसी था तो उसे अपने अंदर एक दुनिया दिखाई देती थी जिसमे एक स्टेडियम के दर्शकों में माही माही की आवाज की गूंज तालियों में लिपटी मिलती थी, उसमे ट्रेन की धक धक को अनसुना कर धड़कन की आवाज को सुना। जो अपनी दुनिया मे रहता है वो किसी से नही हारता बशर्ते उसे जीने का हुनर के साथ खुद पर भरोसा हो।

Aawargi

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 Bas yahi ha sath mere Baki to hosla dete ha 😇

aahsaso ka dard. ✨

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बीते कुछ समय से मैंने कुछ भी नहीं लिखा है। मेरी स्मृतियों में बसने वाले सभी बिम्ब धुँधले पड़ चुके हैं। मानो भीतर किसी की याद ही न बची हो। लिखते-लिखते अक्सर ऐसा लगने लगता है मानो इतना लिख लिया हो कि अब लिखने को कुछ बचा ही न हो। लिखने वालों का दिल पत्थर हो चुका होता है। लिखते-लिखते, वे एक ही उदासी को हज़ारों बार जीते चले जाते हैं। उनके जीवन की त्रासदियाँ, वे रोज़ लिखते हैं। साथ, साथ उन त्रासदियों को जीते भी हैं। ऐसे में दिल पत्थर करना पड़ता होगा, ये मान लेना चाहिए। मेरे हाथों में आजकल बहुत दर्द भी रहता है। पड़े-पड़े शायद बेकार होते जा रहे हैं। नसों में शब्द जमते जा रहे हैं, मानो। ये शब्द कलम या कीबोर्ड के रास्ते बाहर आने को उतावले हैं लेकिन एक अजीब से सैडिस्टिक माइंडसेट के साथ जी रही हूँ मैं। शायद, खुद को ख़त्म करने की हिम्मत नहीं है मुझमें, इसीलिए अपने अंदर के उस इंसान को खत्म कर रही हूँ जो मेरे दर्द, मेरी उदासी को लिख सकता है। दुनिया ज़्यादा देख नहीं पाती है। दुनिया का दस्तूर है, जो दिखता है वही समझ में आता है। न मैं अपना दर्द लिखूँगी, न उसे कोई पढ़ेगा और न उसका कोई अस्तित्व बचेगा। लिखना एक बड़ी...

self love will never hurt you 🙂

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खुद को प्यार करना क्यों है जरूरी ?  किसी ने सच ही कहा है कि यदि आप स्वयं से प्रेम नहीं करते हैं , तो आप दूसरों से प्यार नहीं कर सकते । अपने आपको प्यार करना स्वयं के विकास में निवेश करने जैसा है । आप ही हैं , जो अपने जीवन की दिशा को तय कर सकती हैं , यानी खुद ही यह तय कर सकती हैं कि आपको क्या करना है । अपनी भावनाओं , रिश्तों और बाकी व्यावहारिक जिंदगी के लिए दूसरों पर निर्भर रहने से हीनभावना बढ़ सकती है । कम से कम अपनी जिंदगी की लगाम खुद के हाथ में रखने का गर्व आपके चेहरे पर दमकेगा । यह आत्मविश्वास आपको हर दिन वैलेंटाइन डे जैसा रूमानी बना देगा । एक दिन के 24 घंटे ऑफिस व घर के काम में पूरा दिन बीत गया । रात में सोते हुए भी मन में यही गुणा - भाग कि कल क्या - क्या करना है ? पर सवाल यह कि रात - दिन की इस भागदौड़ के बावजूद आप खुश क्यों नहीं हैं ? इसलिए कि ड आपकी परवाह कोई नहीं कर रहा ? बेहतर है , इससे पहले स्वयं से पूछें कि आपने खुद के लिए कितना समय निकाला ? उत्तर में शायद निराशा हो हाथ लगे , क्योंकि इस सवाल का जवाब आपके पास नहीं है । होगा भी कैसे ? आप तो हमेशा खुद को आखिर में ...

Aab wo wakt nhi Raha 🌜

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दुनिया का सबसे बदनसीब और बदसूरत पल जानती हो कब होता है, जब तुम्हारे रोने से तुम्हारी आँखों का काज़ल फ़ैल जाता है..और तुम्हारी मोटी मोटी इन आँखों से आँसुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है..जिन पलकों की छाँव में मैंने कई गर्मियां गुज़ारी हैं, मैंने जिन आँखों में अपनी एक दुनिया देखी है, जिसके काज़ल का काला रंग मुझे दुनियां में सबसे सुंदर औऱ सबसे गाढ़े रंग सा लगता है, उसका यूँ इस तरह फ़ैल कर फ़ीका पड़ जाना मेरी बेचैनी बढ़ा दिया करता है.. जब तुम पूरा दिन समझदारी के कई ऐसे नमूने मेरे सामने रख दिया करती हो, जिसमें तुम्हारी समझदारी देख कर मैं घमंड करने लगता हूँ, वहीं रात को एक छोटी सी बात पर तुम्हें यूँ बच्चों की तरह रोता हुआ देख मेरे कंधे कमजोर पड़ जातें हैं..मैं तुम्हें रोता हुआ देखकर ये भूल जाता हूँ कि गलती किसकी है, बस मैं तुम्हें चुप करा देने में लग जाता हूँ.. मुझे लगता है कि मैं दुनिया का सबसे हैवान आदमी हूँ जिसने तुम्हें रुलाया है, उसे जिसने मुझे ज़रूरत से कही ज़्यादा प्रेम किया है.. उस वक़्त रोते हुए कही गई तुम्हारी हर एक बात मेरे सीने को चीरती जाती है, मैं जब नाकाम होने लगता हूँ तुम्हें चुप कराने में, मैं एक...

fhir mohhabat

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ज़िंदगी मुहब्बत है और इस मुहब्बत की कहानी में सबसे अहम किरदार हो तुम। तुमसे बात-बेबात झगड़ा, तुमसे इक ख़ीच-खिचाई, तुम्हें तंग करना और तुमसे उलझ जाना ज़िंदगी है। तुम्हारे साथ दूर देश चले जाना, नौका-विहार करते हुए पाँव को पानी में रख देना, पंक्षियों की परवाज़ पर अपनी ख़ाहिश रख देना कि- मैं भी उड़ना चाहता हूं तुम्हारे साथ.. ज़िंदगी है। तुमको चूम लेना या तुमको अपने बदन पर ओढ़कर सो जाना ज़िंदगी है। तुम्हारे लिए दुनिया बनाना.. तुम्हारी दुनिया बन जाना.. सिर्फ़ तुम्हारी बात करना.. सिर्फ़ तुमसे ही बात करना ज़िंदगी है। तुम्हारी नादान ही अदाओं पर चुप मुस्कुराना, तुम्हें किसी 10 साल की बच्ची की तरह प्यार करना, तुम्हें परियों की कहानी सुनाना, तुम्हारा प्रेमी हो जाना, तुम्हें अपने सीने से लगाकर ये यक़ीन दिलाना कि- मैं सिर्फ़ तुम्हारा हूं.. ज़िंदगी है। ज़िंदगी साँस या धड़कन भर नहीं है.. ज़िंदगी असल में तो तुम हो। तुम ज़िंदगी में जान हो.. बाक़ी बदन हूं मैं।

🥺✨ tanhai

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मै, एक पेड़ के नीचे बैठा हूँ जहां थोड़ी धूप है और थोड़ी छांव भी। यहां ठंडी-ठंडी हवा बह रही है। पेड़ पर बहुत सारे पक्षी चहचहा रहे है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे वे आपस मे कुछ बात कर रहे है। दरअसल मुझे समझ मे तो नही आ रहा कि वे क्या बात कर रहे है लेकिन हां... आनन्द बहुत आ रहा है। #alon #million #yaad #2022 #photooftheday #bitturaja420 #raja420 #google #yashkeshav  #photofav #

dream

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मैं पैसों से गरीब होने के वजह से भारत के कई खूबसूरत जगहों पे नही जा सकता, वहां की खूबसूरती और प्राकृतिक का प्यार नही पा सका.. औरों का तो पता नही लेकिन मुझे घूमना बेहद पसंद है.. मैं चाहता हूं पहाड़ों के ऊपर चढ़ पृथ्वी को निहारना, समुंद्र किनारे बैठ सूर्य को उगते हुए देखना,।। 🌧️🌞

main lekhunga 🕊️

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लिखूंगा, आज लिखूंगा धर्म पर, अधर्म पर, राम पर, रावण पर, हार पर, जीत पर, शोषित पर, वंचित पर , दलित पर , बुद्ध पर, जैन पर, दर्शन पर, हिन्दू पर, मुस्लिम पर, गर्व पर , अहंकार पर, उम्मीद पर, निराशा पर, शत्रु पर, मित्र पर, गरीब पर, अमीर पर, कृष्ण पर, कंस पर, ज्ञान पर, अज्ञान पर, विज्ञान पर। आज लिखूंगा मैं दुनिया की हर विधा पर, हर बात पर, हर सोच पर। आज लिखूंगा मैं । लिखूगां उस शहर के उन उस इन्सान के बारे में जो खुद के बच्ची होते हुये भी दूसरी लड़कियों को गिद्ध की नजर से देखता है । लिखूंगा तरसती आँखों में बसती उस भूख के बारे में जिसे होटल का मालिक खाना फेंकते हुए भगा देता है। लिखूंगा उन आँखों के बारे जो किसी माँ को दूध पिलाता हुआ देखकर अश्लील हो जाती है। लिखूंगा आज उस कचरे के डिब्बे में नवजात भूर्ण को फेंकते हुए आदमी के बारे में जो अपने बच्चे की खरोच पर भाग चला जाता है। लिखूंगा आज उस आदमी की मनोस्तिथि पर जो हिरोशिमा पर बम गिराने के बाद आत्महत्या कर लेता है। लिखूंगा आज उस मजहबी कट्टर नेता पर जो अपने बच्चे के खातिर कभी चादर चढ़ाने मस्जिद जाता है तो कभी घर में महामृत्युंजय की पूजा करवाता है। लिखू...

kuch baate

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सुनो ना, मैं तुम्हे बताना चाहता हूँ अपनी खामोशी में छिपी पीड़ा, मैं तड़प रहा हू रेत पर पड़े मछली की तरह, उसे पानी की तलाश है और मुझे तुम्हारी प्यार की। मुझे नही पता कि तुम मुझे चाहती हो या नही, शायद तुम मुझसे नफरत भी करती हो, या फिर तुम किसी और से प्यार करती हो, लेकिन मुझे मालूम नही हो। मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं अभी भी। तुम्हे नही पता होगा लेकिन इतंजार करते करते 7 साल होने को हैं, अब शायद तुम्हारे मन में ये सवाल आये की अभी क्यों मैं तुम्हे अपनी पीड़ा बताना चाहता हु? मैंने अपनी खामोशी तुम्हे बतलाने के लिए ना जाने कितने तरीके अपनाए लेकिन सब विफल हो गए जैसा कोई पहली नींद में देखें गए ख्याब हो।  मुझे खुद भी नही पता कि आखिर मुझे तुममे ऐसा क्या दिखा की मैं तुम्हारा दीवाना हो गया, शायद तुम इसे एक साजिश समझो, लेकिन तुम्हे मैं बता दूँ, मैं तुम्हे उस समय से चाह रहा हू जिस वक्त मैं जिस्म से वाकिफ भी नही था।  शरुआत करते है शुरू से-  उस समय की बात है जब मैं 7 वी में था, प्यार व्यार मुझे सब बकवास लगता था, स्कूल भी बहुत कम जाता था, इतना कम जाता था कि 6वी में ड्रेस का पैसा और छात्रवृति ...

doha

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रतन अमोलक परख कर रहा जौहरी थाक। दरिया तहां कीमत नहीं उनमन भया अवाक।। धरती गगन पवन नहीं पानी पावक चंद न सूर। रात दिवस की गम नहीं जहां ब्रह्म रहा भरपूर।। पाप पुण्य सुख दुख नहीं जहां कोई कर्म न काल। जन दरिया जहां पड़त है हीरों की टकसाल।। जीव जात से बीछड़ा धर पंचतत्त को भेख। दरिया निज घर आइया पाया ब्रह्म अलेख।। आंखों से दीखे नहीं सब्द न पावै जान। मन बुद्धि तहं पहुंचे नहीं कौन कहै सेलान।। माया तहां न संचरौ जहां ब्रह्म को खेल। जन दरिया कैसे बने रवि-रजनी का मेल।। जात हमारी ब्रह्म है माता-पिता हैं राम। गिरह हमारा सुन्न में अनहद में बिसराम।

Prem 🕊️

 प्रेम व मृत्यु दोनों ही जीवन में अतिथि की तरह आते हैं क्योंकि दोनों हमारे जीवन में कब आ जाएंगे हमें पता ही नहीं चलता दोनों के आने का कोई निश्चित समय,उम्र की सीमा भी तो तय नहीं होती मगर दोनों का प्रभाव एक सा होता है प्रेम आपकी ह्रदय को ले जाता है और  मृत्यु आपके धड़कनों को 🖤🖤

Khuuli kitaab hu main

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 खुली किताब सा हूँ लेकिन, कई राज़ छुपाए बैठा हूँ। लाखों बातें करके भी, जज़्बात छुपाए बैठा हूँ। पलकों में आँसू और आँखों में आस छुपाए बैठा हूँ कि तू आए, आए मेरे सालों से थामे इस इंतज़ार का हाथ पकड़ने, मेरी समझदार खामोशी को फ़िर से मेरे झल्लेपन के शोर में बदलने और हाँ इस दफ़ा ऐहसासोंकी अल्फ़ाज़ों से दोस्ती करा के ही मानूँगा दिल के दस्तावेज़ों को तेरी मेज पर यथार्थ सजा के ही मानूँगा। हाल-ए-दिल तुझको सुनाके ही मानूँगा..!! 🖤❤️

hua ek haseen hadsa 🫀✨☄️

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तुमसे प्रेम किया है, यक़ीनन तुम मेरी पहली मोहब्बत नही हो, ये हादसा एक बार पहले भी हुआ है मेरे साथ..उस हादसे में सब कुछ बिखर गया था मेरा, उजड़ी हुई सांसों के साथ जीना मुश्किल हो गया था.. बिखरे सपनों को समेटने में कई साल लग गए थे..अंधेरे से प्रेम और ज्यादा रौशनी डराने लगी थी..रोज़ एक नया सवेरा जहाँ उम्मीदों की किरण बनकर सामने आता है, मैं हर रात को आख़िरी समझकर अपनी आँखों को कसकर बंद कर लिया करता था.. कभी-कभी तो छत की बक-बक सुनते और खिड़कियों से बातें करते हुए ही रात सुबह में बदल जाती.. ख़ैर ये एक दौर था, जो बीत गया..फिर तुमसे मुलाक़ात हुई..कब दिन में हो जाने वाली हमारी 4-6 बातें, 1-2 घंटो में बदल गयी इसका पता ही नहीं चला..मेरा तुम्हारी तऱफ बढ़ता हुआ हर एक कदम ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी ढलान वाले रास्ते पर चल रहा हूँ..बस मैं बढ़ता गया..और एक दिन हम ठीक एक दूसरे के एकदम आमने सामने आ गए..अब समय आ गया था हमारे साथ चलने का..मैंने बताया था कि तुम मेरी पहली मोहब्बत नहीं हो.. पर तुमसे हुई इस दूसरी मोहब्बत का हर एक एहसास मेरे लिए एकदम नया है, ऐसा पहले कभी महसूस नही हुआ..सब कुछ कितना आसान लगता है तुम्हारे...

मोक्ष 🫀✨

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मोक्ष मशरूफ रहा एक रोज़ कहने को कुछ ना रहने को ना सुनने को ना सुनाने को बस थी एक झलक दिखाने को मेरा चेहरा वो उदासी से भरा झुरियो की चादर ओढ़े हुए जिसमे मे खुद को भी ना देख पाता जिसमें फक्त बस वक्त का गुजरना और बर्बाद होना दिखाई पड़ता था जैसे एक अरसे से ज़िंदगी किसी कैद में गुजारी हो आज़ाद रहते हुए भी जैसे किसी अपने के पास रहा हो हमेशा उससे जुदा रहते हुए भी किसी मंदिर/मस्जिद में रहा हो बिना हाथ जोड़े हुए जब जवानी निकली तो आजादी मिली ऐसी आजादी जिसमे ना चलना मुनासिब ना ठहराना ना कुछ कहना मुनासिब ना कह पाना दुत्कारी हुई ज़िंदगी ज्यादा अच्छी रहे उससे जिसको मरते ना मरते हुए ऐसी ज़िंदगी मिले बचपन से जवानी, जवानी से रवानी के इस सफर में बस सफर ही मेरा रहा ना अपना कोई दिखा ना गैर ने हाथ बढ़ाया एक उम्र गुजारी इस सफर में मंजिल मिलते मिलते मंजिल की ख्वाहिश ही अधूरी रह गई अब तो ये सफर ही सुहाना लगने लगता था ना किसी की फिक्र ना किसी का जिक्र चला पड़ा तो बड़ी दूर चला नहीं तो बैठा, उठा और फिर चला यही रीत रही जिंदगी की बस चलते जाना था मुसाफिर बनना आसान नहीं कही दूर निकलना पड़ा था कही बड़ी दूर से अपने के...

dard ki ek nai dastan ☄️

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सुनो तुम....हा तुम ही से कह रहा हूँ..  तुम्हारे द्वारा दुत्कारे जाने के बाद से ही सालों से खुद की खबर न रखने वाला ये लड़का अब तुम्हारे बिना एक पल नही गुजार पाना बहुत बेबस लाचार ..बे जान हो गया हु बेइंतेहा.! ख्वाहिश पनपति है की सीधा चला आऊं तुम्हारे पास वहां जहां तुम  मुझे पूरे हक से रोको और मैं सारी दुनियादारी भूल कर रुक जाऊं.. तुम्हारी कोई बात हमसे कभी काटी नही गई.. बात काटना तो दूर मैंने पलट कर कोई सवाल तक नही किया.. क्योंकि प्रेम थोड़ी कम था तुमसे पर तुम्हारी इज्जत ज्यादा करता था शायद ऐसी ही कई और वजहें हो जिन्हें तुमसे कभी कह नही पाया और बता नही पाया कि तुम कितनी जरूरी और बेशकीमती हो मेरे लिए बस एक बात कहना चाहता था.. हर दिन हर पल तुम्हारी यादें मुझे अपने आग़ोश में तीव्र गति से कस ती ही चली जा रही है और अब ये कसाव कभी - कभी मुझे सांस लेने में तकलीफ देने लगता है इस बन्धन को खोल कर मुझे अपनी बाहों में समेट लो.. एक बार टूट कर तुम पर बिखरना है आखरी तो नही पर लगभग आखरी इच्छा है ये.. 🖤 #दर्द #तन्हाई #पूजा 

tanhai 🐚

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निंद्रा के लिये शरीर के थकान से अधिक आवश्यक मन की शांति होती ह किन्तु रात्रि में मेरा मन बहुत अशांत होता ह इसका कोई विशेष कारण तो नही ह! शायद शांत वातावरण में मस्तिष्क को दुखों आदत पड़ी हो मैं हमेशा स्वंम को अपने मस्तिष्क से भिन्न समझता हूं क्योंकि इससे मुझें अपनी भावनाओं को समझने में सहायता मिलती ह! किन्तु अधिक भावुकता के कारण मेरा मेरें दुखों पर नियंत्रण न के बराबर होता ह! मैं ख़ुश तो रहना चाहता हूं किन्तु मेरा मस्तिष्क हमेशा मेरे विपरीत होता ह! उसे दुःख से शीतलता और मुझें असहनीय पीड़ा मिलती हैं। #bitturaja4200

wakt ka maara 🦪

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दु:ख ये भी है कि अब दु:ख नहीं रहा. रहा भी तो ठीक वैसा सजल नहीं रहा. घाव सूख गया, दाग़ छोड़ गया. रहा तो अब भी वहीं पर अब दुखता नहीं. दु:ख है इसी का.  ऐसा नहीं है कि याद करता हूँ दु:ख की दिनचर्या. या चाहता हूँ कि लौट आएं वो दुखियारे दिन. वे बीत गए, भला हुआ. मुझे रिक्त कर गए. यों बदला कुछ नहीं. जिन कारणों से दु:ख था वो तमाम अपनी जगह जस के तस रहे. बस धीरे धीरे जैसे रात का आकाश हलके रंग का हो जाता है, कोई पाखी बोल पड़ता है, भावभीनी भोर खिल जाती है, वैसे ही चित्र बदल गया. तारे छुप गए. तारे टूटे नहीं. ऐसे ही दु:ख भी अब आँख से.. आँख से ओझल लेकिन है अब भी वहीं तमाम चीज़ें एक उम्र जीकर मर जाती हैं दु:ख भी एक मुद्दत के बाद रहता नहीं दु:ख का यों एक जीवन जीकर अपनी मौत मर जाना बुरा है दु:ख को ऐसे मरना चाहिए कि कोई आए तो आप हठात शिक़वा करो कि अब आई हो, पता है मैंने कितना रास्ता देखा, कैसे नाम पुकारा कितना रोया और ये कहके रो ही पड़ो सच में उससे लिपटकर. दु:ख को ऐसे मरना चाहिए. दु:ख को ऐसे नहीं मरना चाहिए कि आँख खुले और आप देखो, कहीं कोई नहीं आया है, कहीं कुछ नहीं बदला है, और तब आप बांधने लगो मन की ...

✨ humare ✨

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हमारे दुःख भी लगभग एक से हैं सो हम इक-साथ ही रोया करेंगे !! तुम्हें आएगी जब भी नींद तो हम , तुम्हारे सर तले सीना करेंगे ।। ज़माने की हर-इक ओछी नज़र से तुम्हारी हम सदा रक्षा करेंगे ।। कभी नाराज़ जब होवोगी जानां , तुम्हारे पाँव हम चूमा करेंगे ।। 🖤🖤

teri baatee 💫

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तुम्हारी ब्लाॅकलिस्ट  तुम कहती थी हमेशा न कि तुम्हे डर लगता है एहसासों के दफ्न हो जाने से। हम मुस्कुराकर तुम्हें जबाब देते थे, तुम मेरी हो हमेसा के लिए हमे कोई जुदा नही कर सकता, याद है? तुम्हारी ब्लाॅकलिस्ट में एक नाम, एक नम्बर, एक चेहरा दफ्न है... कुछ दिनों से। अपने एहसासों की घुटन समेटे एक झरोखा ढूंढ़ रहा है बाहर निकलने का हमारा नाम उस ब्लू रोशनी वाले व्हाट्सएप पर तुमने ब्लाॅक कर रखा है। शून्य से नौ तक की गिनती वाले काॅल पर और ब्लू टिक वाले उस एप्लीकेशन पर भी तुमने ब्लाॅक रखा है, हमारा नम्बर, हमारा चेहरा तुम्हारी ब्लाॅकलिस्ट में बंद है वह तमाम सर्द रातें जब चाँद को निहारते हुये हमारी आँखो से कुछ आंसू टपक आते हैं। कहीं से झांकने की कोशिश करके हार जाती होंगी तुम्हारे नाम की हिचकियाँ। हम उदास हैं, यह ख़याल भीतर सालता है कि तुम तक क्या वो ख़त कभी पहुंचेंगे जो तुम्हारे नाम पर उस ब्लू टिक वाले एप पर हमने लिख भेजे हैं!  तुम्हे कभी दिल तो करता होगा न! हमारे नाम को अपने भूले हुये ब्लाॅकलिस्ट से निकालकर पढ़ लेने का? या नहीं! तुम जानती हो न कि तुम्हारी लाॅकलिस्ट एक अनदेखी दीवार है हमार...

wo khati thi 🥲💫

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वह कहती थी इतना क्यों परेशान रहते हो भविष्य के बारे में सोच कर मैं हूं ना तुम्हारे साथ, मैं दूंगी न तुम्हारा साथ, सुबह उठते ही जब उसकी आवाज सुनता था तो पूरे दिन की तबीयत ठीक हो जाती थी, कहती थी हमारा प्यार सच्चा है हम कभी अलग नहीं होंगे सच बताऊँ तो ऐसा लगता था वह दूसरी दुनिया की है..वो हमेशा ये एहसास दिलाती थी कि उसका और मेरा साथ सातों जन्मों तक का है, परंतु दुर्भाग्यवश आज वो मेरी नहीं है।।