fariyaad

मैं हरदम तुझे याद करता
रब से बस यही फरियाद करता
की कास उस दिन मैं तेरी छाया बन
तेरी साथ चलता.......

जहाँ तू जाती,
मुझे साथ ले जाती.....

खूब हँसती गाती,
खुसी से उल्लास मनाती...

पर यह भी हो न सका,
मैं तेरा बन न सका,

तू ने तो मेरा साथ छोड़ दिया,
मेरी जीवन का पथ मोड़ दिया......

पर जब तुम हमें छोड़ चले गए,
मैं और मेरी तन्हाई सो गए...

फिर जब उठे हम,
तेरी यादों में बस खो गए हम.....

अब भी तुझे याद करता हूँ,
रब से यही फरियाद करता हूँ...

काश तू मिल जाये मुझे फिर से,
जिंदगी खिल जाये मेरी फिर से..

तेरी इंतजार में अब तक कुँवारा बैठ हूँ,
कास तू मिल जाये मुझे फिर से यही सोचता हूँ.......

यहीं गीत अब समाप्त कर रहा हूँ,
कुछ कहना है तुझे बस यही फरियाद कर रहा हूँ.....


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